यूलिप और म्यूचुअल फंड के बीच का अंतर काफी लोग नहीं समझ पाते हैं इसकी वजह से कुछ वित्तीय सलाहकार भ्रमित करके अपना मनचाहा निर्णय लेने को मजबूर कर देते हैं।
अधिकतर लोग तो इस वजह से धोखा खा जाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि, अगर मैनें सामने वाले से पूँछ लिया कि, इस शब्दावली का क्या अर्थ है तो सामने वाला व्यक्ति मुझे कम जानकार समझ लेगा इससे मेरा अपमान हो सकता है।
ऐसी ही मानसिकता किसी को भी धोखा दिलवाती है। आपको किसी भी प्रकार का धोखा न हो इसी लिए मैं आपको यूलिप और म्यूचुअल फंड के बीच का अंतर समझाना चाहता हूँ।
यूलिप और म्यूचुअल फंड के बीच का अंतर
यूलिप और म्यूचुअल फंड दोनों का मार्केट में लगता है, लेकिन यूलिप में आपको रिस्क कवर मिलता है जबकि म्यूचुअल फंड में नहीं।
यूलिप बीमा कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले बीमा उत्पाद हैं। जिसमें, प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन बीमा कवरेज प्रदान करने में चला जाता है, जबकि शेष हिस्सा विभिन्न फंड विकल्पों में निवेश किया जाता है।
म्युचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) द्वारा प्रबंधित निवेश होते हैं। वे कई निवेशकों से धन एकत्र करते हैं और फंड के निवेश उद्देश्य के आधार पर स्टॉक, बॉन्ड या अन्य प्रतिभूतियों के विविध पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं।

और स्पष्ट तरीके से बतायें तो यूलिप एक इंश्योरेंस प्रोडक्ट है और इस पर रेगुलेट IRDAI करता है। जबकि म्यूचुअल फंड एक निवेश उत्पाद है और इस पर रेगुलेट SEBI करती है।
अर्थात सेबी ही म्यूचुअल फंड के नियम बनाती हैं।
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यूलिप और म्यूचुअल फंड के बीच का अंतर अगर अपने अनुभव से बतायें तो यूलिप में लम्बे समय तक निवेश करने में फायदा है और यदि आप कम समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए म्यूचुअल फंड ही सही रहेगा।
टैक्स सेविंग
यूलिप आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर लाभ प्रदान करते हैं, इसके अतिरिक्त, परिपक्वता आय या मृत्यु लाभ कुछ शर्तों के अधीन धारा 10(10डी) के तहत कर-मुक्त हैं।
टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम या ईएलएसएस) को छोड़कर म्युचुअल फंड विशिष्ट कर लाभ प्रदान नहीं करते हैं, जो वास्तव में एक निश्चित सीमा तक निवेश के लिए धारा 80 सी के तहत कटौती करते हैं।