LIC Dhan Vriddhi policy NEW PLAN | धन वृद्धि पॉलिसी की सम्पूर्ण जानकारी जो कोई भी नहीं बताएगा

LIC धन वृद्धि पॉलिसी (LIC DHAN VRIDDHI POLICY) जिसकी तालिका संख्या 869 है, 23 जून 2023 के दिन लॉन्च हो रही है। इसकी सबसे बड़ी खास बात है कि, इसमें आप सिंगल प्रीमियम देकर एक बड़ा रिस्क कवर प्राप्त कर सकते हैं।

यह प्लान मार्केट से जुड़ा हुआ नहीं है, जिससे इसमें निवेश करने पर आपको जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा।

2023-24 के वित्तीय वर्ष में LIC धन वृद्धि पॉलिसी भारतीय जीवन बीमा निगम का पहला प्लान होगा। इसके लॉन्च के बाद Lic जल्द ही एक दूसरा प्लान लाने वाली है जिसका नाम जीवन किरण होगा।

यहाँ पर ध्यान दें कि जीवन वृद्धि पॉलिसी केवल 30 सितम्बर तक ही उपलब्ध रहेगा। अब इस प्लान के बारे में विस्तार से समझ लेते हैं।

LIC धन वृद्धि पॉलिसी (Dhan Vriddhi policy 869)

यह एक सिंगल प्रीमियम बचत योजना प्लान है जिसमें आपको दो ऑप्शन मिलते हैं यह ऑप्शन चुनने पर आप, अपना रिस्क कवर खुद ही तय कर सकते हैं।

बड़े रिस्क कवर के साथ आप अपने पैसों को निश्चित टर्म में तीन गुना भी सकते हैं।

ऑप्शन 1

इस ऑप्शन को चुनने पर आपको सिंगल प्रीमियम का सवा गुना रिस्क कवर मिलेगा।

मान लीजिये कि आपने इस प्लान में दो लाख रुपये जमा करते हैं और पहला विकल्प चुनते हैं, तब आपको 2.5 लाख का रिस्क कवर मिलेगा।

ऑप्शन 2

इस ऑप्शन को चुनने पर आपको सिंगल प्रीमियम का 10 गुना इंश्योरेंस मिलेगा।

पहले के उदाहरण में यदि आप दो लाख रुपये जमा करते हैं और दूसरा विकल्प चुनते हैं तब आपको 2.5 लाख की जगह पर 20 लाख रुपये रिस्क कवर आपके जीवन पर मिलेगा।

LIC धन वृद्धि पॉलिसी

फिक्स टर्म

इस प्लान में आपको तीन फिक्स टर्म मिलते हैं जो कि 10 वर्ष, 15 वर्ष और 18 वर्ष है।

एक बात ध्यान में रखनी होगी कि जितना अधिक टर्म आप चुनते हैं उतना ही ज्यादा लाभ आपको प्राप्त होगा।

न्यूनतम उम्र

Lic धन वृद्धि पॉलिसी में शामिल होने की न्यूनतम उम्र 90 दिन की है अगर आपने 18 वर्ष का टर्म चुना है। लेकिन यदि आपने 15 वर्ष का टर्म लिया है तो इसमें न्यूनतम उम्र 3 वर्ष होगी।

इसके अलावा यदि आप 10 वर्ष का टर्म लेते हैं तब इसमें न्यूनतम उम्र 8 वर्ष की मानी जायेगी।

यदि इसे हम सरल भाषा में कहें तो हम कह सकते हैं कि मैच्चोरिटी के वक्त आपकी आयु 18 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए अन्यथा आप इस प्लान में शामिल नहीं हो सकते हैं।

अधिकतम उम्र

LIC धन वृद्धि पॉलिसी में यदि आप पहले ऑप्शन को चुनते हैं तो अधिकतम उम्र 60 वर्ष होगी। यहाँ पर गौर करने वाली बात है कि पहला ऑप्शन चुनने में टर्म की कोई पाबंदी नहीं मिलेगी लेकिन दूसरा ऑप्शन चुनने पर आपको टर्म की लिमिट जरूर देखने को मिलेगी।

दूसरे ऑप्शन में प्लान लेने की अधिकतम उम्र 32 वर्ष होगी यदि आप 18 वर्ष का टर्म लेना चाहते हैं।

इसके अलावा इसमें अधिकतम उम्र 35 वर्ष होगी यदि आप 15 वर्ष का टर्म लेते हैं और 40 वर्ष अधिकतम उम्र होगी यदि आप 10 वर्ष का टर्म लेते हैं।

दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि दूसरा विकल्प चुनने पर अधिकतम उम्र प्लान में शामिल होने की 40 वर्ष है।

न्यूनतम बीमाधन

इस प्लान में न्यूनतम बीमाधन 1 लाख 25 हजार रुपये है और अधिकतम बीमाधन की कोई लिमिट नहीं है।

इस बीमाधन को आप 5 हजार के गुणांक में बढ़ा सकते हैं जैसे कि आप चाहें तो अपने बीमाधन को सवा लाख की बजाय 1 लाख 30 हजार या 35 हजार के रूप में बढ़ा कर भी ले सकते हैं।

LIC धन वृद्धि पॉलिसी

मैच्चोरिटी लाभ

धन वृद्धि पॉलिसी में मैच्चोरिटी लाभ के तौर पर आपको बीमाधन के साथ गारंटीड एडीशन भी दिया जायेगा जो एक प्रकार का बोनस ही है।

ऑप्शन 1 में गारंटीड एडीशन तालिका

बीमाधन (धन वृद्धि पॉलिसी)10 years15 years18 years
Rs125000 – 245000rs606565
Rs250000 – 695000rs657070
Rs 700000 and above707575
ऑप्शन 1 में गारंटीड एडीशन प्रति हजार पर

ऑप्शन 2 में गारंटीड एडीशन तालिका

बीमाधन10 years15 years18 years
Rs125000 – 245000rs253030
Rs250000 – 695000rs303535
Rs 700000 and above354040
ऑप्शन 2 में गारंटीड एडीशन प्रति हजार पर

मृत्यु हित लाभ

यदि विकल्प एक को चुना गया है तो क्लेम आने की स्थित में बीमाधन का सवा गुना गारंटीड एडीशन के साथ मिलेगा।

यदि विकल्प दो को चुना गया हो तो क्लेम आने की स्थित में बीमा धन का 10 गुना गारंटीड एडीशन के साथ मिल जायेगा। 

सरेंडर वैल्यू

धन वृद्धि पॉलिसी में पहला विकल्प चुनने पर यदि पहले तीन वर्षों में पॉलिसी सरेन्डर किया जाता है तो प्रीमियम का 75 प्रतिशत अमाउंट वापस हो जायेगा।

यदि पहले विकल्प में तीन वर्षों के बाद सरेन्डर करने पर प्रीमियम का 90 प्रतिशत वापसी हो जायेगा।

दूसरा ऑप्शन चुनने पर बेसिक बीमाधन गारंटीड एडीशन के साथ मिल जायेगा।

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आयकर लाभ

धन वृद्धि पॉलिसी में यदि पहला विकल्प चुना गया है तो इसमें कोई भी आयकर में छूट नहीं मिलती है।

वहीं पर दूसरा ऑप्शन चुनने पर आपको आयकर में छूट मिल जायेगी क्योंकि इसमें आपके जमा प्रीमियम पर 10 गुना से ज्यादा रिस्क कवर मिलता है। 

 

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