इन 5 जीवन बीमा के नियम और शर्तों को जान लें अन्यथा बीमा कंपनी आपको कोई भी पैसा नहीं देगी

जीवन बीमा के नियम और शर्तों पर बिना गौर किये लोग पॉलिसी खरीद लेते हैं फिर बाद में उन्हें समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इससे बेहतर है कि आप जीवन बीमा के नियम और शर्तों को पहले ही जान लें जिससे भविष्य में कोई कठिनाई न हो।

वास्तविक दुनिया की बात करें तो लोगों के पास इतना समय नहीं होता है कि, वे पूरे डाक्यूमेंट को ठीक प्रकार से पढ़ पायें, जाने-अनजाने में उनसे महत्वपूर्ण पॉइन्ट छूट ही जाते है।

अक्सर ऐसा देखा गया है कि बीमा सलाहकार सभी शर्तों को समय के आभाव में आपसे चर्चा भी नहीं करते। लेकिन आपका भी फर्ज बनता कि बीमा के नियम और शर्तों की सही जानकारी आपके पास हो जिससे आप बेहतर निर्णय ले पायें।

अतः मैं आपके सामने 5 जीवन बीमा के नियम और शर्तों को रख रहा हूँ जो कि सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं।

इन शर्तों को न पूरा करने पर, बीमा कंपनी आपका पैसा रोक सकती है, इसका पूरा अधिकार बीमा कंपनी के पास रहता है।

जीवन बीमा के नियम और शर्तों को जान लें

जीवन बीमा के नियम और शर्तों

छिपायी गई बीमारी

सबसे पहला और प्रमुख नियम है कि आप अपनी सारी जानकारी सही दें, गलत जानकारी नियम का उल्लंघन माना जाता है। एक आंकड़े के हिसाब से भारत में सबसे ज्यादा केस बीमा कम्पनी तब रिजेक्ट करती है जब उनसे कोई क्रॉनिक बीमारी को छिपाया जाता है।

बीमा लेने से पहले अगर कोई बीमारी है जिसे पॉलिसी लेने वाले व्यक्ति ने छिपायी है अगर उन्स्की मृत्यु उसी बीमारी से होती है तो बीमा कंपनी उसे क्लेम नहीं देगी।

इसके अलावा व्यक्ति की, अगर बीमा लेने के बाद बीमारी हो और उससे मृत्यु भी हो जाय तब बीमा कंपनी क्लेम नहीं रोकेगी।

आत्महत्या की दशा

जैसा फिल्मों में दिखाया जाता है कि व्यक्ति जानबूझ कर बीमा लेता है और गलत कदम उठा कर वह घर वालों को खूब पैसा दिला देता है। लेकिन वास्तविक दुनिया में ऐसा संभव नहीं है क्यूँकि बीमा कंपनी ऐसे में क्लेम ही नहीं देती।

जीवन बीमा के नियम और शर्तों में सबसे महत्वपूर्ण पॉइन्ट है जिसकी जानकारी लोगों के पास नहीं है। अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है तो बीमा कंपनी उसका क्लेम देने से मना कर सकती है।

आपराधिक गतिविधियाँ

अगर कोई व्यक्ति जानबूझ कर आपराधिक गतिविधियों में शामिल है और उस कारण से उसकी मृत्यु हो जाती है तब बीमा कंपनी उसका क्लेम रोक सकती है।

सेक्स जनित बीमारी

नियम से हिसाब से सेक्स जनित बीमारी से मृत्यु होने की स्थित में बीमा कंपनी क्लेम को रोक सकती है।

मतलब कि, AIDS होने की दशा में बीमा कंपनी क्लेम देने से मना भी कर सकती है।

अधिक सीखें : भारतीय जीवन बीमा प्लान कौन सा लें, जिससे कभी भी पछताना ना पड़े

ड्र्ग्स या शराब

अत्याधिक शराब पीने या ड्र्ग्स लेने से अगर पॉलिसी धारक की मृत्यु होती है तब बीमा कंपनी क्लेम रोक सकती है।

इन 5 जीवन बीमा के नियम और शर्तों को जानने के बाद आप इसके प्रति जागरूक रह सकते हैं और दूसरों को जागरूक भी कर सकते हैं।

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