क्या आपको पता है कि एक ही बात बार-बार सोचने से क्या होता है, और यह आपकी मानसिक क्षमता को कितना घटा सकता है, इसका अंदाजा भी आपको नहीं होगा। सांइस की बात करें तो सोंचने की प्रक्रिया न्यूरॉन्स के कनेक्शन से संभव हो पता है कुछ न्यूरॉन्स मिलकर एक निश्चित पाथ बना लेते हैं जिसके परिणाम स्वरुप हम कुछ सोंच पाते हैं।
जब इस पाथ में एक लूप पैदा हो जाता है तब हम एक ही बात को बार-बार सोंचने लगते हैं।
ज्यादा सोंचना अथवा एक ही बात को बार- बार सोंचना ओवर थिंकिंग कहलाता है। वैसे तो इसे कोई बींमारी नहीं माना जाता है, लेकिन यह कई प्रकार की बीमारी की शुरुआत कराने में मददगार जरूर बनता है।
इसकी सबसे खास बात यह होती है कि, आपको पता ही नहीं चलता कि आप ओवर थिंकिंग के दौर से गुजर रहे हैं। इसका अहसास आपको तब होता है जब आपका सर भारी लगता है या मानसिक तनाव जैसा प्रतीत होता है।
एक ही बात बार-बार सोचने से क्या होता है और इसके क्या विपरीत प्रभाव पड़ते हैं ? इसे जानने से पहले, जानिए कि, किस तरह के लोग इसका सबसे अधिक शिकार बनते हैं।
ओवर थिंकिंग किसे होता है ?
ओवर थिंकिंग उनके साथ सबसे ज्यादा घटित होता है जो दूसरों के साथ संबंधों को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं।
जो दूसरों को खुश रखने का प्रयास करता है वही दूसरों के बारे में सोंचने में सबसे अधिक समय व्यतीत करता है और ऐसे लोग इससे सबसे पहले प्रभावित होते हैं।
आपने अक्सर देखा होगा कि जिसके ऊपर किसी अन्य के व्यवहार से फर्क पड़ता है वही सबसे बड़े ओवर थिंकर बनते हैं। इसके अलावा एक ही बात को बार-बार वे लोग भी सोंचते हैं जिनके अंदर किसी प्रकार की चिंता होती है।
एक ही बात बार-बार सोचने से क्या होता है, पहले इसके प्रभाव को जान लीजिये फिर इससे बचने का तरीका आप जानेगें।
एक ही बात बार-बार सोचने से क्या होता है ?

जब आप एक ही बात को बार-बार सोंचते हैं तो आपके लिए किसी निर्णय पर पहुँच पाना कठिन हो जाता है। ऐसा होने पर आप अपनी समस्या से बाहर ही नहीं निकल पाते हैं क्योंकि आपको कोई रास्ता ही नहीं मिलता है।
यह धीरे-धीरे आपका मानसिक तनाव बढ़ाता है जो आपको गंभीर बीमारी की तरफ धकेलता है।
शायद आप नहीं जानते होगें कि, एक ही बात बार-बार सोंचना हाई ब्लेड प्रशेर की भी निशानी हो सकती है। यदि आपके मन से कोई बात न निकल रही हो तो आप एक बार अपना बी.पी. जरूर चेक कर ले।
इन तमाम चीजों के अलावा एक ही बात बार-बार सोंचने से सबसे ज्यादा आपकी नींद प्रभावित होती है। किसी भी ओवर थिंकर के लिए नींद न आना सबसे कॉमन समस्या है।
अधिक जानें : अपने मानसिक डर को कैसे दूर करें? जानिए सबसे पावरफुल तरीका
और अगर ऐसा किसी के साथ होता है तो उसकी लाइफ स्टाइल बिल्कुल खराब कर देता है। इससे कैसे बचना है इसका तरीका अब आप जान लीजिये।
एक ही बात बार-बार सोचने से कैसे बचें?
जब आप एक ही बात बार-बार सोचने लगते हैं तो आपके थिंकिंग प्रोसेस का एक लूप तैयार हो जाता है। आपके लिए इस लूप से बाहर निकलना बहुत जरूरी होता है, यदि आप अपनी ओवरथिंकिंग से बचना चाहते हैं।
इसका सबसे आसान तरीका है कि आप अपने जीवन के एक्सट्रीम पलों को याद करें, चाहे वह पल खुशी से भरे हो अथवा दुख वाले पल हों।
आप उस दिन के बारे में सोचें जो आपके जीवन के सबसे खुशी से भरे पल थे। यदि इससे काम ना चले तो आप दुख वाले पल के बारे में भी सोच सकते हैं क्योंकि ऐसा करने से आपके भीतर एक इमोशनल वेब जनरेट होगी जो कि आपके लूप को तोड़ने में मददगार साबित होगी।
इस प्रक्रिया से आप ओवरथिंकिंग से बाहर आसानी से निकल सकते हैं। एक ही बात बार-बार सोचने से क्या होता है इसके बारे में आपको पता चल गया, और इससे बचने का तरीका भी आप जान चुके हैं।