lic सरकारी है या प्राइवेट यह प्रश्न आज से नहीं दशकों से लोग पूँछते आ रहे हैं, और खासकर उन लोगों के लिए जानना भी जरुरी है जो लोग LIC में एक सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं। एक बार फिर यह प्रश्न जोरों से उछल रहा है क्योंकि एलआईसी का आईपीओ आ चुका है।
और आईपीओ आने के बाद आम लोग भी LIC का शेयर खरीद कर इसके हिस्सेदार बन चुके हैं।
इसके बाद इतनी बड़ी संस्था को क्या माना जायेगा कि, LIC सरकारी है या प्राइवेट ?
LIC का इतिहास
भारतीय संसद के एक विधेयक के तहत LIC की स्थापना 1 सितम्बर 1956 को को हुई, इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
जब इसका निर्माण हुआ तो लगभग 250 छोटी और बड़ी बीमा कम्पनियों का विलय इसमें हुआ था और इसका स्वामित्व पूरी तरीके से भारत सरकार के पास हो गया।
आम भाषा में कहें तो lic का निर्माण एक विधेयक पास होने के बाद हुआ और वहीं पर भारत सरकार को इस संस्था का मालिक माना गया। इस आधार पर यह प्रश्न उठना, कि lic सरकारी है या प्राइवेट, उचित नहीं है क्योंकि अभी तक LIC पूरी तरीके से एक सरकारी कम्पनी ही है।
किन्तु अब इसका आईपीओ आ चुका है तो क्या अभी भी lic एक सरकारी कम्पनी है ? यह एक बड़ा रोचक प्रश्न है !
lic सरकारी है या प्राइवेट ?

आपने कभी फिल्मों या किसी सीरियल में कहते हुए सुना होगा कि जिसके पास 51 प्रतिशत कम्पनी के शेयर होगें वह कंपनी का मालिक होगा।
वास्तव में यह बात सच भी है कि जिसके पास न्यूनतम 51 प्रतिशत या अधिक शेयर होता है वही कम्पनी का मालिक होता है।
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2022 में जब एलआईसी का आईपीओ आया तब भारत सरकार, 51 प्रतिशत से ज्यादा का शेयर अपने पास सुरक्षित रख चुकी है इस बात की घोषणा सरकार पहले ही कर चुकी है।
वास्तव में भारत सरकार ने मात्र 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को पब्लिक किया है और 96.5 प्रतिशत हस्सेदारी को अपने लिए सुरक्षित रखा है।
इस प्रकार से आपके मन में उठने वाले प्रश्न कि, lic सरकारी है या प्राइवेट, इसका उत्तर है कि LIC एक सरकारी कंपनी है और आगे भी यह एक सरकारी कंपनी ही रहेगी।