म्यूचल फण्ड इन्वेस्टमेंट करने का कोई सही या गलत तरीका भी होता है, यदि आप ऐसा सोंच रहे हैं तो आपको इस लेख के अंत तक बने रहना है। क्यूँकि बहुत से सलाहकार ऐसे भी होते हैं, जो केवल किसी भी निवेश के एक ही पक्ष को दिखाते हैं तथा आपको निवेश के प्रति आकर्षित करने के लिए कई बातें छुपाते भी हैं।
यदि आपके मन में ज्यादा सवाल नहीं उठ रहे हैं, तब भी आपको जानकारी होनी चाहिए क्योंकि, आप कहीं पर अपनी मेहनत की कमाई लगा रहे हैं। म्यूचल फण्ड इन्वेस्टमेंट के दो तरीके होते हैं एक सही और दूसरा गलत !
सबसे पहले आप म्यूचल फण्ड इन्वेस्टमेंट का गलत तरीका जान लीजिये जो एक सत्य घटना पर आधारित है।
म्यूचल फण्ड इन्वेस्टमेंट का गलत तरीका
गुप्ता जी मेरे एक अच्छे मित्र हैं वे पिछले 10 वर्षों से दिल्ली में प्राइवेट जॉब कर रहे हैं।
यह 2020 की बात है जब उनका फोन मेरे पास आया, उन्होंने अपने बारे में जो बातें बताई वह बहुत दुःखद घटना थी।

उन्होंने बताया कि, पिछले 4-5 वर्षों से घर खरीदने के लिए 7 लाख रुपये एकत्रित करके रखे हुए थे गुप्ता जी को कोई सलाहकार मिल गया, जिसकी सलाह पर उन्होंने सारा पैसा म्यूचल फण्ड में डाल दिया।
यहाँ पर मैं AMC कंपनी का नाम नहीं बताऊंगा लेकिन फण्ड मैनेजर ने अपनी समझ से ज्यादा से ज्यादा पैसा इक्विटी फण्ड में निवेश कर दिया।
गुप्ता जी इस लालच में थे कि, घर के लिए पर्याप्त पैसा नहीं जमा हो पाया है तो जितना पैसा है उसे ही जल्द से जल्द डबल किया जाय।
इसलिए गुप्ता जी ने किसी की सलाह मान कर सारा पैसा निवेश कर दिया क्योंकि उन्हें बताया गया था कि, इसमें निवेश करने से 20 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न मिलने वाला है।
लेकिन जैसे ही कोरोना ने अपनी रफ़्तार पकड़ी वैसे ही गुप्ता जी का पैसा आधा रह गया।
दुःख वाली बात इसलिए थी क्योंकि गुप्ता जी के पास अन्य कोई बचत नहीं थी।
यही म्यूचल फण्ड इन्वेस्टमेंट करने का गलत तरीका है, अब हम आपको सही तरीका बताते हैं जोकि अधिकतर सफल निवेशक अपनाते है।
म्यूचल फण्ड इन्वेस्टमेंट का सही तरीका
मैं पिछले 10 वर्षों से लगातार इस प्रयास में रहता हूँ कि, जहाँ से संभव हो मैं फाइनेंशियल नॉलेज प्राप्त करूँ, इसके लिए मैं कई विदेशी लेखकों की किताबें अक्सर पढ़ता रहता हूँ।
वहीं से मुझे एक बात समझ में आयी कि, आपको एक फाइनेंशियल पिरामिड बनाना चाहिए।

फाइनेंशियल पिरामिड ये कहता है कि, जो आप कमाते हैं उसका अधिकतर भाग सुरक्षित जगह पर निवेश किया जाय जहाँ पर सबसे कम खतरा हो।
अगर प्रतिशत में बताया जाय तो 60% पैसा सुरक्षित जगह पर निवेश होना चाहिए जैसे बीमा, FD, RD आदि।
इसके बाद आपका 30% पैसा ऐसी जगह निवेश हो, जहाँ पर अधिक रिटर्न पाने की सम्भावना हो लेकिन खतरा भी कुछ कम हो, इसी में आपका म्यूचल फण्ड इन्वेस्टमेंट आता है।
सबसे अंत में आपको अपना 10% निवेश ऐसी जगह करना चाहिए जहाँ पर, अधिक रिटर्न और अधिक जोखिम शामिल हो जैसे कि शेयर बाजार, क्रिप्टो करेंसी आदि।
फाइनेंशियल पिरामिड का सबसे अधिक फायदा होता है क्योंकि आप बड़े नुकसान में नहीं फँसते हैं, और पर्याप्त रिटर्न भी प्राप्त कर लेते है।
अगर गुप्ता जी ने अपने सारे पैसों पर जोखिम न उठाया होता तो शायद वे आज और बेहतर परिस्थिति में होते।
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लेकिन मैं एक दूसरा रास्ता जो कि, मैनें गुप्ता जी को समझाया था उसे आपके सामने रख रहा हूँ कि आप लम्बे समय तक निवेश में रहेगें, तो संभव है कि आप नुकसान से बच जायेगें और जैसा सपना देखा था उसे भी पूरा कर पायेगें।
अतः मेरी दूसरी सलाह है कि, किसी भी म्यूचल फण्ड में निवेश करें तो उसे लम्बी अवधि के लिए ही करें।
अंत में आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि, गुप्ता जी अपने नुकसान की भरपाई कर चुके हैं और वे अभी फायदे में चल रहे हैं इससे तीसरी सीख भी मिलती है कि, हमें नुकसान के समय अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए।