बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन सेटलमेंट कैसे करे यदि आपको समय से लोन चुकाने में दिक्कत हो रही है, इसके बारे में आप जानेंगे और इसके साथ ही आपको ये भी पता चलेगा कि लोन सेटलमेंट करते समय आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना है !
यदि आपका लोन, अमेरिका या यूरोप के किसी बड़े देश में होता और आपके पास कर्ज चुकाने के पैसे ना होते, तो आपको कई सारी एजेंसी मिल जाती जो लोन सेटलमेंट कराने में आपकी सहायता करतीं।
लेकिन भारत में बहुत कम संस्थाएं हैं, जो आपको इस प्रकार की मदद प्रदान करती हैं और जो संस्थाएं मिलती हैं, उनका चार्ज बहुत अधिक होता है, जो कि पूरे लोन का 25 परसेंट तक भी पहुँच जाता है। इसलिए यदि आप यह तरीका जान लेंगे की लोन सेटलमेंट कैसे करे तो आप कई दिक्कतों से बच जाएंगे।
लोन सेटलमेंट कैसे करे
लोन सेटलमेंट आप दो तरीके से करा सकते हैं पहला कोर्ट के माध्यम से और दूसरा बैंक में सीधे संपर्क करके।
यदि आपका लोन सेटेलमेंट कोर्ट के माध्यम से होता है तो इसमें थोड़ा ज्यादा समय लगता है, किंतु कर्जदार को अधिक राहत मिल जाती हैं। कोर्ट के माध्यम से सेटलमेंट तब होता है जब लोन ना चुकाने पर बैंक नोटिस भेजती है और उसके बाद खुद केस दर्ज कराती है।
लोन सेटलमेंट कैसे करे और इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप सीधे ही बैंक के पास अप्रोच करें और कोर्ट केस होने के पहले ही लोन सेटेलमेंट का प्रस्ताव बैंक के सामने रखें।
इसके लिए एप्लीकेशन देना जरूरी होता है और सेटेलमेंट के लिए अपनी तरफ से रिक्वेस्ट करना पड़ता है। इस समय बैंक के सामने अपनी समस्या रखनी पड़ती है और सही कारण बताना पड़ता है, कि किस वजह से वह लोन चुकाने में असमर्थ है।
यदि बैंक को लगता है की वास्तव में यह व्यक्ति लोन नहीं चुका पायेगा और बैंक का मूलधन भी फंस जाएगा। तो ऐसी स्थिति में बैंक लोन सेटेलमेंट के लिए तैयार हो जाती है।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
लोन सेटलमेंट करते समय आपको कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए नहीं तो काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वास्तव में बैंक या वित्तीय संस्थानों में लोग निगोसिएशन में माहिर होते हैं, वे आपको इस तरीके से ऑफर देंगे कि आपको लगेगा कि वे आपकी मदद कर रहे हैं । जबकि उसमें आपको कोई लाभ या लोन की राशि में कटौती नहीं मिलेगी।
एक उदाहरण से आप मेरी बात आसानी से समझ सकते हैं मान लीजिए कि किसी का ₹10,00000 का लोन बाकी है और बैंक सेटलमेंट के लिए भी तैयार हो चुकी है ।
वहां पर बैंक उस व्यक्ति को ऑफर देती है कि अभी आप 2 लाख चुका दें, उसके बाद 2 महीने बाद 3 लाख चुका दें, और उसके कुछ समय बाद बाकी का 5 लाख चुका दें।
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इस प्रकार से उस व्यक्ति को लगेगा कि बैंक ने मुझसे लोन सेटेलमेंट कर लिया है किंतु उस व्यक्ति को सारी समस्याएं झेलने के बाद भी लोन से कोई राहत नहीं मिलती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि लोन सेटेलमेंट करते समय कितनी राशि की कटौती हो रही है इस बात पर ध्यान दें और अधिक कटौती के लिए आग्रह करें।
इसके अलावा दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात कि, जब भी आप लोन सेटेलमेंट कर ले और अपनी बकाया राशि का भुगतान कर दें। तब बैंक से एनओसी या कोई लिखित प्रमाण जरूर प्राप्त करें जहां पर स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो, कि अब कोई राशि बैंक में बकाया नहीं है।
लोन सेटेलमेंट से क्यों बचें ?
लोन सेटलमेंट कैसे करे यह आप जान चुके हैं लेकिन वास्तव में लोन सेटेलमेंट उनको ही कराना चाहिए जो लोन चुकाने में असमर्थ होते हैं। क्योंकि लोन सेटेलमेंट कराने के बाद आपका सिबिल या क्रेडिट स्कोर में भारी गिरावट हो जाती है, जिसके चलते हुए कई सालों तक लोन मिलना मुश्किल होता है।
यदि लोन की किस्तों में देरी हो जाए और उसकी वजह से सिबिल स्कोर में गिरावट हो जाए, तो उसके कुछ माह के भीतर सिबिल स्कोर ठीक हो जायेगा।
लेकिन यदि आपका लोन सेटेलमेंट हुआ है तो सिबिल स्कोर ठीक होने में कई साल लग जायेंगे क्यूँकि इस बात का मेंशन विशेष तौर किया जाता है कि, अमुक व्यक्ति ने लोन का पूरा भुगतान नहीं किया है। अतः भविष्य में उसे दुबारा लोन मिलने कि कोई गुंजाइश बाकी नहीं रह जाती है।
जहां तक संभव हो आपको लोन सेटेलमेंट की प्रक्रिया से बचना चाहिए क्योंकि इससे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो जाता है और साथ ही बैंक का प्रेशर भी झेलना पड़ जाता है।
लोन सेटलमेंट कैसे करे और उनकी सारी प्रक्रिया, उनके लिए बतायी गई हैं जो लोग वास्तव में बहुत मजबूर हैं, लेकिन जो लोग जानबूझ कर अपना पैसा बचाने के लिए इस चक्कर में पड़ेंगे तो उन्हें मानसिक दबाव और आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
Apke dwara di gayi jankari bahut mahatvapurn hai aur aam aadmi isase fayda le sakta hai bahut se log karz ki wajah se suicide kar letey hain. Kyun ki bankon ne purane jamane sahukaron ki tarah interest per interest lagana jo start kar diya hai. Interest ke liye govt ki side se koi rule banana chahiye. Taki aam aadmi bankon ke makad jaal se bach sake. Warna aise hi aam aadmi suicide karta rahega. Aur banks apne profit ko din v din badatey rahenge.