चेक बाउंस के नए नियम 2023 – अब देखने को मिल सकते हैं ये बड़े बदलाव

चेक बाउंस के नए नियम 2023 में जल्द ही लागू होंगे, इससे पहले पिछले वर्ष ही पॉजिटिव पे सिस्टम लागू हुआ था। जिसमें नियम यह था कि, यदि कोई 50 हजार रुपए से ज्यादा का चेक लगाता, तो बैंक की तरफ से चेक जारी करने वाले से कन्फर्म किया जाता था। इसके बावजूद अप्रैल 2022 तक 33 लाख से भी ज्यादा केस, चेक बाउंस से संबंधित चल रहे थे।

सरकार ने इस पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट की एक एक्सपर्ट कमेटी बैठाई, जिन्होंने कुछ सिफारिशें रखी हैं, जो चेक बाउंस के नए नियम 2023 के रूप में आपके सामने आ सकती हैं।

यदि आप किसी को चेक से पेमेन्ट कर रहे हैं, तो यह सावधानी जरूर रखें कि आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस होना चाहिए, अन्यथा आपके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो सकती है।

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वित्त मंत्रालय चेक बाउंस के केस को कम करना चाहती है और इसके लिए उसने पहले से ही आदेश जारी कर रखा है।

चेक बाउंस के नए नियम 2023

अगर सरकार एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों को मानती है तो सबसे बड़ा बदलाव यह आएगा की चेक जारी करने वाले के खाते में यदि पैसा ना हुआ तो, उसके अन्य खातों से भी पैसा काटा जा सकेगा।

चेक बाउंस के नए नियम 2023

कहने का मतलब है कि, अभी तक यदि आप किसी को चेक देते थे और उस चेक अकाउंट में पैसे कटने हेतु पर्याप्त बैलेंस नहीं हुआ, तो आपका चेक सीधे बाउंस हो जाता था। लेकिन नियम में बदलाव आने के बाद, पार्टी को पेमेंट आपके दूसरे बैंक खातों से पैसे काटकर की जा सकेगी। इससे जो लोग जानबूझ कर चेक बाउंस करवाते थे उनकी चाल नाकाम हो जाएगी।

इसे भी जानें : बचत खाते में कितना पैसा रख सकते हैं आज जान लीजिए इसका नियम

इसके अलावा चेक बाउंस के नए नियम 2023 में ये दो चीजें भी लागू हो सकती हैं।

यदि आपका चेक बाउंस होता है तो उसे लोन डिफॉल्ट के तौर पर भी देखा जा सकता है। इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ सकता है जिसकी वजह से भविष्य में लोन मिलने में दिक्कत आ सकती है।

इसके अलावा चेक बाउंस होने पर यदि चेक जारी करने वाला व्यक्ति अपना नया अकाउंट खुलवाता है तो उस पर भी रोक लगाई जा सकती है। यह नियम लागू होने के बाद डिफाल्टर किसी दूसरे बैंक में भी खाता नहीं खुलवा पायेगा।

सजा का प्रावधान

चेक बाउंस के नए नियम 2023 के आने के बाद भी इस बात की संभावना है कि सजा से सम्बन्धित नियम में कोई बदलाव नहीं आयेगा और केस धारा 138 (एन आई एक्ट) के तहत ही चलेगा।

इसकी सजा के बात करें तो इसमें सजा का पुराना प्रावधान जारी रह सकता है जो कि 2 साल की जेल अथवा चेक की रकम का 2 गुना पैसा पार्टी को देना पड़ सकता है।

इसमें जुर्माना के साथ सजा भी हो सकती है।

Leave a Comment