एनपीए खाते का निपटारा 2022-23 के वित्तीय वर्ष में ही करें नहीं तो बैंक उठायेगी ये कदम

एनपीए खाते का निपटारा 2022-23 के वित्तीय वर्ष अर्थात 31 मार्च 2023 के पहले जरूर करें, ऐसा निर्देश भारतीय रिजर्व बैंक ने दिया है। इस प्रकार का प्रयास RBI पहले भी करती रही है और इसको सफल बनाने के लिए बैंक समय -समय पर दिये गये लोन के ब्याज में कटौती भी करती रही है।

एनपीए खाते का निपटारा कराना केवल बैंक की जिम्मेदारी नहीं बल्कि आपकी भी है यदि आपका लोन बकाया है। इसका सबसे बड़ा फायदा आपको ये मिलेगा कि, बैंक लोन सेटलमेंट के लिए आसानी से तैयार हो जाती है।

नहीं तो यदि बैंक अपनी तरफ से एनपीए खाते का निपटारा करेगी और यदि मार्गेज लोन हुआ तो बैंक नीलामी का भी कदम उठा सकती है। सारी प्रक्रिया क्या होने वाली है इसके बारे में विस्तार से जान लीजिये।

एनपीए खाते का निपटारा 2022 – 23

जब लोन की किस्त 3 महीनों तक न जमा हो, लोन खाता एनपीए में बदल जाता है। जब सालों तक कोई लोन खाता एनपीए बना रहा तो उसे बैंक, अपने बही खाते में नुकसान के तौर पर दिखाती है।

अगर बैंक में एनपीए की संख्या बढ़ती है तो बैंक पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है और हमारी अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है, इसलिए RBI एनपीए खाते का निपटारा 2022-23 के वित्तीय वर्ष में चाहती है।

एनपीए खाते का निपटारा 2022

एनपीए खाते का निपटारा 2022 – 23 में न कराने का नुकसान

अगर किसी आम व्यक्ति का एनपीए खाते का निपटारा नहीं हुआ तो उसे बैंक की तरफ से मानसिक दवाब तो मिलता ही है साथ ही क्रेडिट स्कोर में भी भारी गिरावट आती है, इसकी वजह से भविष्य में लोन मिलने में दिक्कत आयेगी।

बैंक समय-समय पर ऐसे ऑफर देती रहती है कि यदि आप अपना लोन चुका देंगे तो आपको विशेष छूट दी जाएगी। यदि आप इस ऑफर का लाभ नहीं उठाते हैं तो भविष्य में आपको हिडेन चार्जेज देखने को मिल सकते हैं, जोकि आपकी राशि को काफी अधिक बढ़ा सकते है।

कहने का मतलब है कि भविष्य में आपको अधिक पैसे जमा करने पड़ सकते हैं।

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तीसरा नुकसान यह हो सकता है कि बैंक कोर्ट में केस दर्ज करा सकती है, जिससे बाद निपटारा करना आपकी मजबूरी बन जाती है। और इसके बाद आपके समय और पैसों का भारी नुकसान हो सकता है, इसलिए समय रहते ही एनपीए का निपटारा अपनी तरफ से जरूर करना चाहिए ।

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