बैंकों में एनपीए वसूली हेतु विधिक प्रावधान कौन-कौन से हैं इसकी जानकारी आज आपको मिलेगी। लेकिन पहले आप एनपीए क्या होता है इसके बारे में जान लीजिये।
यदि बैंक लोन की किस्त जमा करने की तिथि से 90 दिनों के भीतर न जमा किया जाय तो वह NPA बन जाता है।
NPA का मतलब होता है नॉन परफोर्मिंग एसेट और इसे तीन कटेगरी में बाँटा गया है, जिन्हे सब स्टैण्डर्ड एसेट, डाउटफुल एसेट और लॉस एसेट कहा जाता है।
जब बैंकों में NPA बढ़ जाता है तो बैंकों तथा अर्थव्यवस्था पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है। इसलिए एनपीए कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों में एनपीए वसूली हेतु विधिक प्रावधान बनायें हैं।
यहाँ पर विधिक प्रावधान से मतलब है कानूनी नियम !
अब हम जान लेते हैं कि, कौन से नियम बनें हैं जिनके तहत बैंक अपने पैसों की वसूली कर सकती हैं।
बैंकों में एनपीए वसूली हेतु विधिक प्रावधान

“बैंक अपने पैसों की वसूली हेतु कार्यवाही कर सकती है लेकिन इसके लिए किसी भी व्यक्ति को न तो परेशान कर सकती है और न ही गैर कानूनी तरीका अपना सकती है !” इस बात पर RBI ने विशेष तौर पर ध्यान दिया है और हाल ही में इसके लिए गाइडलाइन भी जारी की है।
आरबीआई ने कर्जदारों को डराने धमकाने पर रोक लगायी है तथा यह निर्देश दिया है कि, सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद रिकवरी एजेंट लोन वसूली के फोन कॉल नहीं करेगें।
अब तक भारत सरकार ने बैंकों में एनपीए वसूली हेतु विधिक प्रावधान के लिए चार बड़े कदम उठा चुकी है।
1 – लोकपाल अदालत की स्थापना
2 – ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) की स्थापना
3 – सरफेसी एक्ट
4 – इनसॉल्वेंसी एण्ड बैंकरप्सी कोड (IBC)
1 – लोकपाल अदालत
एनपीए संबंधित विवाद को निपटाने के लिए भारत सरकार ने लोक की स्थापना की है।
लोक अदालत के फैसले को एक दीवानी अदालत का फैसला माना जाता है और इसके फैसलों को मानना बैंक और अन्य पक्ष के लिए बाध्यकारी होता है।
इसे भी जानें : पोस्ट ऑफिस में ₹ 1000 जमा करने पर 5 साल में कितना मिलेगा ?
इनमें 10 लाख रुपये से कम विवादों का निपटारा होता है और अभी तक लोक अदालत ने 9 करोड़ से ज्यादा मामलों का निपटान कर चुकी है।
2 – DRT की स्थापना
के मामलों को तेजी से निपटाने के लिए DRT की स्थापना की गई है।
यह एक प्रकार का स्पेशल कोर्ट होता है जहाँ पर 20 लाख रुपये से अधिक मामलों का निपटारी होता है।
3 – सरफेसी एक्ट (SARFAESI ACT)
बैंकों में एनपीए वसूली हेतु विधिक प्रावधान के लिए भारत सरकार ने 2022 में सरफेसी एक्ट को पास किया।
इस एक्ट के पास होने के बाद बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं को यह अधिकार मिल गया कि, वे लोन न चुकाने वाले की सम्पति को नीलाम कर सकते हैं।
4 – इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी
इस बिल को लोकसभा ने 2016 में पास किया और इसे पास होने के बाद npa को काम करना आसान हो गया।